लखनऊ, दिसम्बर 22 -- लखनऊ, प्रमुख संवाददाता उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने विधानसभा में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित विशेष चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह कालजयी राष्ट्रगीत केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियों का प्रेरणा स्रोत है। वंदे मातरम उन पूर्वजों को तर्पण है जिन्होंने हंसते-हंसते फांसी के फंदों को चूमा और वंदे मातरम गाते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। यह चर्चा उन्हीं बलदानियों के प्रति कृतज्ञता का भाव है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि 150 वर्ष पूर्व बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने इसकी रचना की और गीत 150 वर्ष पूर्व बंग दर्शन में पहली बार प्रकाशित हुआ। फिर बाद में इसे उनके उपन्याय आनंदमठ में शामिल किया गया, जहां साधु-सन्यासियों के माध्यम से इसे राष्ट्रजागरण का स्वर दिया गया। उस समय यह...