शाहजहांपुर, नवम्बर 9 -- निगोही-संवाददाता। रविवार को रावण वध के साथ निगोही में मेला श्रीरामलीला का समापन हो गया। इस अवसर पर बुराई के प्रतीक रावण के पुंतले का भी दहन हुआ।खुशी के इस मौके पर खूब आतिशबाजी हुई। 24अक्टूवर को शिव बारात के साथ निगोही में मेला श्रीरामलीला का शुभारंभ हुआ था। वृंदावन से आए कलाकारो ने अंतिम दिन दर्शाया कि युद्ध में भाई-बंधुओ समेत अधिकतर सेना के खेत रहने के बाद लंकापति रावण बची-खुची सेना के साथ स्वमं युद्ध में उतर पड़ता है। रावण का श्रीराम से भयानक युद्ध होता है। युद्ध में कभी श्रीराम तो कभी रावण का पलड़ा भारी हो जाता था। काफी प्रयास के बाद जब रावण परास्त नही होता,तो विभीषण श्रीराम को रावण की नाभि में तीर मारने का इशारा करते है। विभीषण की बात समझ श्रीराम जैसे ही रावण की नाभि में तीर मारते है। रावण जमीन पर गिर जाता है। ...