संभल, सितम्बर 22 -- रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को रावण एवं असुरों के जन्म की लीला का प्रभावशाली मंचन किया गया। कथा के अनुसार रावण ने घोर तपस्या कर भगवान शिव से अजर-अमर होने का वरदान प्राप्त किया, जिसके बाद उसके अत्याचार बढ़ते चले गए। इसी क्रम में उसका विवाह मंदोदरी से संपन्न हुआ। मंचन की शुरुआत व्यापारियों द्वारा श्रीराम लला की आरती और हनुमान चालीसा से हुई। इसके बाद मेघनाथ जन्म प्रसंग प्रस्तुत किया गया। दिग्विजय के लिए भेजे जाने पर देवता भय से गुफाओं में छिप गए। मेघनाथ ने देवताओं को बंदी बना लिया और काल को भी अपने वश में कर लिया। यह दृश्य दर्शकों को भावविभोर कर गया। देवताओं की पुकार पर भगवान विष्णु ने आश्वासन दिया कि वे श्रीराम रूप में अवतार लेकर रावण के अत्याचारों का अंत करेंगे। मंचन के नाटकीय और प्रभावशाली दृश्यों पर दर्शकों ने...