सहारनपुर, दिसम्बर 27 -- नगर में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीराम कथा का भव्य और भावपूर्ण समापन हुआ। कथा के अंतिम दिवस में शबरी प्रसंग, रावण उद्धार तथा प्रभु श्रीराम के राजतिलक का मनोहारी वर्णन किया गया। कथा के समापन अवसर पर पूरा वातावरण भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो गया। कथा वाचक पंडित अरुण कौशल ने शबरी के निष्कपट भक्ति भाव का वर्णन करते हुए बताया कि प्रभु श्रीराम ने सामाजिक भेदभाव से ऊपर उठकर सच्ची भक्ति को स्वीकार किया। उन्होंने रावण उद्धार प्रसंग के माध्यम से यह संदेश दिया कि भगवान की करुणा और कृपा सर्वव्यापी है। श्रीराम राजतिलक के प्रसंग में अयोध्या की आनंदमयी छवि का ऐसा सजीव चित्रण किया गया कि श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और पूरा पंडाल "जय श्रीराम" के उद्घोष से गूंज उठा। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीश्री 108 स्वामी रामदेव महाराज प्रदेश उपाध्य...