संतकबीरनगर, अप्रैल 6 -- पौली, हिन्दुस्तान संवाद। चैत्र नवरात्र के अवसर पर शिक्षा पौली स्थित चन्द्रभान सिंह शिक्षा निकेतन शंकरपुर में आयोजित श्रीराम महोत्सव कथा में संत मानस मर्मज्ञ विजय राघव जी महराज ने सीता-राम विवाह की कथा सुनाई। जिसे सुनकर श्रोता आनंदित हो गये। उन्होंने कहा कि राजा जनक के यहां भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। जिसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा ली कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी देश के राजा और महाराजाओं को निमंत्रण पत्र भेजा। समय पर स्वयंवर की कार्रवाई शुरू हुई और एक-एक कर लोगों ने धनुष उठाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। गुरु की आ...