सहारनपुर, अक्टूबर 8 -- श्री रामकथा में आचार्य शांतनु महाराज ने कहा कि श्री राम का चरित्र मानव जीवन के सभी लक्ष्यों की पूर्ति करता है। कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने रामकथा रचकर रामराज्य के सूत्रों का निर्माण और राष्ट्र के सांस्कृतिक उत्कर्ष का बीजारोपण किया है। श्री राम कथा के छठें दिन राम भरत मिलन प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। मेपल्स एकेडमी में रामकथा की अमृतवर्षा करते हुए कथा व्यास ने कहा कि जिसका कोई गुरु नहीं उसका जीवन में कोई नहीं है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी संपूर्ण मानस में समय-समय पर गुरु की महिमा का बखान किया है। भगवान ने स्वयं कहा है लखन, भरत जैसा पवित्र भाई संसार में नहीं मिल सकता है। भरत की कठिन साधना को देखकर बड़े-बड़े साधु संत भी उनके पास जाने से घबराते थे। भरत राम के वमन से इतने बैचेन हो जाते हैं कि राम से मिलने पूरी प्रज...