उरई, मई 3 -- आटा, संवाददाता। आटा में श्री कनवा मठ धाम मन्दिर में आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन राम जानकी विवाह कथा का आयोजन किया गया। कथा वाचक सतीष चंद अवस्थी ने बताया कि त्रेता युग में जनकपुर में धनुष यज्ञ का अयोजन किया गया। शिव जी के धनुष को तोड़ने के लिए महाराज जनक के यहां बड़ी संख्या में राजा और महारथियों की भीड़ जुटी थी लेकिन कोई भी धनुष को उठा तक नहीं सका। यह देखकर जनक जी के आंखों से आंसू बहने लगे। जिसके बाद जनक जी विलाप करते हुए कहा कि क्या आज धरती वीरों से विहीन हो गई है। उसी समय सभा में उपस्थित गुरु विश्वामित्र ने भगवान श्रीराम को आदेश दिया उठहु राम भन्जहु भव चापा। धनुष तोड़कर श्रीराम ने जनक जी की चिंता को दूर किया और कहा कि आज कलियुग में हर घर में दहेज रूपी धनुष पड़ा है। जिस कारण से हर घर की बेटी बोझ बन गई है लेकिन आ...