रामपुर, अक्टूबर 12 -- ढकिया में आदर्श रामलीला मंडल के तत्वावधान में में चल रहे मंचन में श्रीराम को परेशान करने पहुंची शूर्पनखा को दंड के रूप में लक्ष्मण उसकी नाक कान काट देते हैं। उधर, भरत वन से लौटते है लेकिन वह राजगद्दी पर खड़ाऊं रखकर राजकाज शुरू कर देते हैं। अयोध्या में उदासी छा जाती है. राम लीला मंचन में कलाकारों ने दिखाया राम के वन जाने के बाद राजा दशरथ पुत्र शोक में प्राण त्याग देते हैं। भरत राम को मनाने वन जाते है. भरत राम के चरण स्पर्श करके पिता की मृत्यु का समाचार देते है.। राम शोकसंतप्त हो जाते हैं। भरत राम से आग्रह करते है. पिता के न होने पर वह राज सभालें लेकिन राम इनकार कर देते हैं। भरत उनकी चरण पादुका लेकर अयोध्या लौट आते हैं। राम ऋषि-मुनियों की सहायता से से नया जीवन शुरू करते हैं। इस दौरान रावण की बहन विचरण करते हुए राम-लक्ष्...