गंगापार, सितम्बर 30 -- घूरपुर, हिन्दुस्तान संवाद जय मां शारदा धार्मिक प्रतिष्ठान घूरपुर के बैनर तले चल रही रामलीला में सोमवार की रात्रि राम वन गमन लीला का मंचन किया गया। कैकेयी के ओज पूर्ण अभिनय और दशरथ का भाव पूर्ण अभिनय देख दर्शकों की आंखें नम हो गई। देवासुर संग्राम में दिए गए वरदान को कैकेयी ने मंथरा के बहकावे में आकर पहला वरदान भरत को राज्य और राम के लिए वनवासी रूप में चौदह वर्षों का वनवास मांगा तो दशरथ बदहवास होकर धरा पर गिर गए। राम को जब पता चला कि पिताजी मां कैकेयी के भवन में है और उन्हें याद कर रहे हैं तो वह पहुंचे और पिता को जमीन पर विह्वल हाल में पड़े देखा तो राम ने माता कैकेयी से पिता जी की मूर्छा का कारण पूछा तो कैकेयी ने सारा वृतांत सुना दिया और कहा कि तुम जल्द से आओ और मैं तुम्हे वलकल वस्त्र देती और उसे पहन कर वन की ओर निकल ...
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