गंगापार, अक्टूबर 13 -- सूपर्णखा की नाक कटाई और सीताहरण प्रसंग का प्रभावी मंचन, राम के धैर्य और लक्ष्मण के क्रोध का जीवंत अभिनय दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया। लक्ष्मण क्रोध कियो हिय भारी, काटि नास सूपनखा नारी, गूंजे संवादों ने कस्बा भारतगंज त्रिमुहानी परिसर में तालियों की गड़गड़ाहट भर दी। मारीच का स्वर्ण मृग रूप धरना, राम का वन गमन और रावण द्वारा सीता हरण का दृश्य इतना सजीव रहा कि दर्शक भाव-विभोर हो उठे। रावण के प्रवेश से मंच पर सन्नाटा छा गया और पुष्पक विमान से सीता हरण के साथ मंचन चरम पर पहुंच गया। अंत में जय श्रीराम और हनुमान जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। व्यास बीएन शुक्ला की मधुर आवाज़ में चौपाइयां व दोहे तथा संगीत व रामलीला में कलाकारों के अभिनय का समिति अध्यक्ष ऋषभ केशरी, सीताराम केसरी, सत्यम केशरी सहित दर्शकों ने सराहना की।

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