सहारनपुर, अक्टूबर 27 -- शिवधाम मंदिर परिसर में आयोजित प्रभु राम कथा में सोमवार को जगद्गुरु शंकराचार्य राजराजेश्वर महाराज (शारदा पीठ) ने श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि श्रीराम कथा से हमें जीवन के गहरे संदेश मिलते हैं। उन्होंने कहा कि परिवार में सबसे पहले और वरिष्ठ अधिकार सदैव ज्येष्ठ पुत्र का होता है, किंतु आज के समय में भाई-भाई संपत्ति के लिए लड़ रहे हैं, जबकि यह सब यहीं रह जाने वाला है। महाराज ने कहा कि आज माता-पिता अपनी संतान को पुत्र-पुत्री कहने के बजाय "लड़का" और "लड़की" कहकर संबोधित करते हैं। बच्चों को सदैव पुत्र और पुत्री के रूप में संस्कारपूर्वक संबोधित करें। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम ने रघुकुल में जन्म लेकर आदर्श मर्यादा का पालन किया। जब उनके राज्याभिषेक की तैयारी चल रही थी, तभी पिता की आज्ञा से उन्हें 14 वर्ष के वन...