दुमका, जून 12 -- सरैयाहाट। सरैयाहाट बाजार स्थित ठाकुरवाड़ी मंदिर प्रांगण में 5 से 13 जून तक चल रहे 9 दिवसीय रामकथा नवाह परायण महायज्ञ में बीते रात्रि अयोध्या से आए कथा वाचक रविशंकर ठाकुर ने कहा कि राम कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। जो इस कला को सिख गया तो उसे मृत्यु का भय नहीं होता है। कहा महाभारत में धृतराष्ट्र अपने बेटे से बात करने में भयभीत रहते थे, कहेंगे तो दुर्योधन मानेगा की नहीं। लेकिन रामायण में दशरथ क्या कहेंगे राम पहले जान जाते हैं और व्यवहार कर देते हैं। यह राम कथा का दर्शन है। धरती की हर माता बहनें पति के रूप में राम का दिदार करना चाहती है। उन्होंने कहा कि राजा प्रजा, भाई भाई, देवर भाभी में कैसा संबंध होना चाहिए यह राम कथा बताती है। उन्होंने आगे कहा कि यह आम स्वभाव है कि यदि व्यक्ति में जीवन में धन बढता है तो मन बदल जाता है। ...