गंगापार, अक्टूबर 5 -- पांती मेजारोड के श्री हनुमान मानस मंदिर में चल रही राम कथा के प्रथम दिन स्वामी धराचार्य ने सत्संग में श्रोताओं को बंदौं गुरु पद पदुम परागा के गूढ़ रहस्यों व और गुरु के महत्व के बारे में बताया। कहा कि गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है, गुरु भी ऐसा होना चाहिए जो रहस्यों से पर्दा उठा दे। कहा कि साधु चरित शुभ चरित कपासू। अर्थात साधु कपास की तरह होता है, जैसे कपास खुद दुख सहन कर दूसरे के छिद्र को ढंकने का कार्य करता है। कहा कि संत का कभी अंत नहीं होता। संत समाज में आध्यात्म के प्रति मानव को जगाने का कार्य करता है। मर्यादा पुरूषोत्तम राम को जीवन में कभी सुख नहीं मिला है, जब भी सुख करने का समय आया, कुछ न कुछ बाधाएं उनके सामने खड़ी हो गई, लेकिन सभी बाधाओं का सामना कर उन्होंने संसार को नया आयाम देनें का कार्य कर रखा है। साधु इस स...