नई दिल्ली, जुलाई 4 -- केरल हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी जन्म से अपराधी नहीं होता है। जस्टिस पीवी कुनीकृष्णन ने कहा कि समाज की कई ऐसी परिस्थितियां हैं जिनसे इंसान अपराधी बन जाता है। उन्होंने रामायण लिखने वाले महर्षि वाल्मीकि का उदाहरण देते हुए कहा कि वह भी कभी जंगल के डाकू हुआ करते थे। हालांकि सप्तर्षियों से मुलाकात के बाद उनका जीवन बदल गया और वह बहुत बड़े ऋषि बन गए। जस्टिस कुनीकृष्णन ने कहा, की बाहरी वजहों से इंसान अपराधी बन जाता है। जैसे कि आर्थिक दिक्कत, अच्छी शिक्षा का अभाव, बेरोजगारी, खराब पारिवारिक माहौल और मानसिक समस्या। उन्होंने कहा, समाज से अपराध को कम करने के लिए अच्छी शिक्षा की जरूरत है। इसके लिए रोजगार, मानसिक सहयोग, सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। इससे समाज में एक सुरक्षित माहौल बनेगा। अगर समाज अ...