जमशेदपुर, सितम्बर 24 -- साकची रामलीला मैदान में चल रही रामलीला के दौरान मंगलवार को भावपूर्ण और रोमांचक प्रसंग का मंचन हुआ। इसमें विश्वामित्र ऋषि का अयोध्या आगमन, राजा दशरथ से संवाद और तत्पश्चात राम-लक्ष्मण के वनगमन एवं ताड़का वध का प्रसंग दिखाया गया। मंचन की शुरुआत विश्वामित्र ऋषि के प्रवेश से हुई। श्वेत वस्त्र, कमंडल के साथ विश्वामित्र के प्रकट होते ही पूरे पंडाल में श्रद्धा का वातावरण बन गया। उन्होंने राजा दशरथ को प्रणाम कर अपने यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को मांगने का आग्रह किया। धर्म और कर्तव्य की महत्ता समझाते हुए विश्वामित्र ने कहा कि राम ही इस कार्य के योग्य हैं। गंभीर और भावुक संवाद के बीच दशरथ सहमत हो गए और राम-लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ भेज दिया। इसके बाद मंचन का दृश्य वनभूमि में बदल गया। वृक्ष, पशु-पक्षियों की ध्वनि ...
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