हापुड़, अक्टूबर 8 -- हल्की बारिश की फुहारों और मिट्टी की सोंधी महक के बीच रामलीला मैदान में कविता की मधुर गूंज से सरोबर हो उठा। रामलीला समिति के प्रधान विनोद वर्मा की अध्यक्षता में विराट कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया, जहां हर कवि ने अपनी वाणी से प्रेम, ओज और हास्य का रंग बिखेरा। मंच पर आए कवियों का स्वागत रामलीला समिति के अध्यक्ष विनोद वर्मा, ठेकेदार अमित गोयल, नवीन गुप्ता, उमेश अग्रवाल एवं गौरव बजरंगी ने पटका एवं प्रतीक-चिन्ह भेंट कर किया। कवि डॉ. अनिल बाजपेयी ने पढ़ा कि प्रेम शब्द इतना वृहद, दूं में क्या उपसर्ग, जहां प्रेम हो देखिए, बसा हुआ है स्वर्ग। वरिष्ठ कवि सत्यपाल सत्य पाल सत्यम (मेरठ) ने कहा कि भावनाओं का कभी आकार होता ही नहीं है, स्वप्न जो देखा तो कभी साकार होता ही नहीं है। प्रेम में बोझ कितना ही हो, भार होता ही नहीं है, जो समर्थ ह...