लखीमपुरखीरी, अक्टूबर 12 -- कस्बे के सुथना देवी मंदिर पर चल रही रामलीला मेले में धनुष यज्ञ तथा परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मंचन किया गया। इसे देखने आसपास के तमाम गांवों के लोग पहुंचे। राक्षसों से अपने यज्ञ की रखवाली के लिए मुनि विश्वामित्र अयोध्या नरेश दशरथ से उनके बेटों राम-लक्ष्मण को मांगने पहुंचे। इसी बीच जनकपुर में धनुष यज्ञ स्वयंवर देखने का निमंत्रण ऋषि विश्वामित्र को मिला। वह राम और लक्ष्मण को साथ लेकर स्वयंवर में पहुंचे। दूर-दूर से आए राजा अपनी पूरी शक्ति लगाने के बावजूद धनुष को तोड़ना तो दूर, उसे हिला तक नहीं सके। यह देख कर राजा जनक दुखी होकर बोले कि क्या धरती पर कोई वीर नहीं बचा है जिसे उनकी बेटी वरण कर सके। लक्ष्मण ने क्रोध में राजा जनक को रघुकुल वंश की वीरता की जानकारी दी। ऋषि विश्वामित्र ने भगवान राम को धनुष तोड़ने की आज्ञा दी। इस प...