रामपुर, सितम्बर 21 -- श्री हरी आदर्श रामलीला कमेटी की ओर से आदर्श रामलीला मैदान में चल रही रामलीला के दूसरे दिन शनिवार को रात मनु-सतरूपा तपस्या और रावण जन्म प्रसंग का मंचन किया गया। लीला का शुभारंभ भगवान शंकर की स्तुति, वंदना और आरती के साथ हुआ। रामायण कथा के अनुसार, राजा मनु और रानी सतरूपा ने अपने पुत्र उत्तानपाद को राज्य सौंपकर वन में कठोर तपस्या की। उनकी हजारों वर्षों की साधना से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु प्रकट हुए। भगवान विष्णु ने राजा-रानी को वरदान दिया कि अगले जन्म में जब वे दशरथ और कौशल्या के रूप में जन्म लेंगे, तब स्वयं विष्णु उनके पुत्र बनकर रामावतार लेंगे। इसके बाद रावण जन्म का प्रसंग मंचित हुआ। कलाकारों ने रावण,कुंभकर्ण और विभीषण के जन्म का अभिनय किया। रावण और कुंभकर्ण की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने उन...