भागलपुर, दिसम्बर 28 -- भागलपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। गोशाला प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा एवं रामलीला मंचन के आठवें दिन शनिवार को कथा वाचक पंडित रविशंकर ठाकुर ने केवट प्रसंग से लेकर भरत द्वारा भगवान राम की चरण पादुका मांगने और उसे लेकर अयोध्या लौटने तक की मार्मिक कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी अपराध नहीं करना चाहिए, क्योंकि कर्म लौटकर अवश्य आता है। ईश्वर हर जगह प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो पाते, इसलिए माता-पिता को भगवान का स्वरूप माना गया है। उन्होंने बताया कि रामचरितमानस की चौपाई यदि भगवान शिव के समक्ष सुबह-शाम पढ़ी जाए तो भाई-भाई में कभी कलह नहीं होता है। वहीं, कथा के बाद श्वेता सुमन द्वारा लिखित एवं निर्देशित रामलीला में भक्त शबरी प्रसंग, बाली वध, अशोक वाटिका में माता सीता-हनुमान मिलन, लंका दहन तथा विभीषण का ल...
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