सहारनपुर, सितम्बर 24 -- भरत दीख प्रभु आश्रमु पावन, सकल सुमंगल सदनु सुहावन, करत प्रबेस मिटे दुख दावा, जनु जोगीं परमारथु पावा। भावार्थ भरत जी ने प्रभु श्री राम का पावन आश्रम देखा। वह संपूर्ण शुभ मंगलों का घर और सुहावना था। उसमें प्रवेश करते ही दुख और क्लेश मिट गए, जैसे योगी को परमार्थ की प्राप्ति हुर्ह है। इसी के तहत रामलीलाओं में भरत मिलाप का मंचन किया गया । भरत प्रभु श्रीराम को अयोध्या लौटने के लिए कहा, लेकिन पिता के वचनों की वजह से श्रीराम अयोध्या नहीं लौटे, तब भरत प्रभु श्रीराम की खड़ाऊ लेकर अयोध्या के लिए लौट गए। प्रभु श्रीराम और भरत के बीच हुए संवाद आकर्षक रहे, जिससे देखकर दर्शक भी भावुक हो गए। बेहट बस अड्डे के मैदान पर आयोजित रामलीला में नौका लीला और भरत मिलाप का मंचन किया गया। प्रभु श्रीराम से भरत अयोध्या लौटने का आग्रह करते रहे। इस...
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