मोतिहारी, मई 3 -- मोतिहारी शहर के मोतीझील से जुड़ी रामरेखा केनाल का अस्तत्वि संकट में है। जानपुल से होते हुए सिकरहना नदी से जुड़कर जलधारा का निरंतर प्रवाह बनाए रखनेवाली और खेत, पशु-पक्षियों की प्यास बुझानेवाली रामरेखा केनाल खुद प्यासा है। बरसात या बाढ़ के समय इस केनाल से होकर पानी मोतीझील में प्रवेश कर कररिया मन से धनौती नदी में जाता था। केनाल को बचाने व जीर्णोद्धार के लिए काम कर रहे भारतीय न्यायप्रिय नागरिक परिषद के सदस्यों ने कहा कि मोतिहारी, बंजरिया, सुगौली व चिरैया प्रखंडों से जुड़ी सिकरहना, सिजुआ, रतड़ा व कटघरवा नदी का पानी इस केनाल से होकर गुजरता था लेकिन इस केनाल का अस्तत्वि ही संकट में पड़ जाने से इससे जुड़े लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इनका कहना है कि इससे 50 हजार की आबादी प्रभावित है। इस केनाल का जीर्णोद्धार नहीं होने से स्थानीय ...