नई दिल्ली, अक्टूबर 25 -- पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के बयान को आधार बनाते हुए राममंदिर फैसले को रद्द कराने की मांग करने वाले एक वकील को अदालत से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की एक अदालत ने वकील महमूद प्राचा पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। दिल्ली की एक जिला अदालत से प्राचा ने 2019 के फैसले को अमान्य घोषित करने की मांग की थी, जिसे हाल ही में खारिज कर दिया गया। प्राचा ने जिला अदालत में उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की, जिसमें अदालत ने उनके दीवानी मुकदमे को नामंजूर कर दिया था। प्राचा ने दावा किया पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (राममंदिर पर फैसला देने वाले पांच जजों में से एक) ने पिछले साल स्वीकार किया कि अयोध्या का निर्णय में उन्होंने वह समाधान दिया जो भगवान श्री राम लला विराजमान ने उन्हें सुझाया, देवता खुद इस मुकदमें में एक पक्षक...