अयोध्या, अप्रैल 5 -- हर्षोल्लास मंदिर -मंदिर चल रही राम कथा का रसपान करने उमड़ रहे संत-श्रद्धालु दशरथ राजमहल, कनक भवन, अंगद टीला, सियाराम किला, श्रीराम वल्लभा कुंज, तोताद्रि मठ व कोशलेश सदन ने आचार्य गण दे रहे शास्त्रों की सीख फ्लैग: रामनगरी के हजारों मंदिरों में अलग-अलग संस्कृति व परम्परा के निर्वहन में हो रहे आयोजन अयोध्या। संवाददाता "..जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल, चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुख मूल.." अर्थात योग, लग्न, ग्रह, वार व तिथि सभी अनुकूल हो गए। जड़ और चेतन सब हर्ष से भर गए क्योंकि श्रीराम का जन्म सुख का मूल है। इसी सुख की कल्पना परमात्मा की छवि निहारने के अलावा दूसरे में कहां संभव है। इसी धारणा को लेकर भगवान के नाम, रूप, लीला व धाम में आनंद मनाने भक्तों का समूह यहां पहुंच रहा है। उधर हजारों मंदिरों में राम कथाओं की धूम...