मुजफ्फरपुर, सितम्बर 27 -- कांटी। रामचरितमानस सनातन भारतीय धरोहर है। भारत की सभ्यता व संस्कृति को बचाने के लिए रामचरितमानस सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है। इसे प्रत्येक भारतवासी को अध्ययन-मनन करना चाहिए। साइन मैसाहां में चल रहे नौ दिवसीय रामकथा संस्कार ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कथा वाचिका सविता दीदी उर्फ कृष्णा दीदी ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि रामकथा के माध्यम से राष्ट्रधर्म के प्रति समर्पण, शांति, प्रेम, अनुराग जागृत किया जाना कथा का मुख्य उद्देश्य है। शनिवार को राम-सीता विवाह प्रसंग का वर्णन किया गया। स्त्री-पुरुष के दाम्पत्य जीवन व सामाजिक लोकलाज के निर्वाहन को लेकर कृष्णा दीदी ने विस्तार से बताया। मौके पर सत्यमार्ग आनंदाचार्य, मनोज पांडेय, भोला पांडेय, प्रमोद पांडेय, जितेंद्र मिश्रा, जयनाथ पांडेय, राहुल आदि थे।
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