वाराणसी, दिसम्बर 14 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। आजादी की लड़ाई में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का योगदान अतुलनीय रहा है। सन् 1857 की क्रांति के दौरान उनके बलिदान के बाद अंग्रेजों के मन में भय व्याप्त हो गया था। यह विचार बीएचयू के प्रो. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किए। वे रविवार को भदैनी स्थित रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय घाट वॉक विश्वविद्यालय एवं जागृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में प्रो. मिश्र मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संशय नहीं है कि महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म भदैनी में हुआ था। इतिहासकारों की ओर से गहन शोध और छानबीन के बाद जन्मस्थली का निर्धारण किया गया है। विशिष्ट अतिथि डॉ. विंध्याचल यादव ने कहा कि हमें गर्व है कि महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म काशी ...