मुंगेर, मई 1 -- संग्रामपुर, एक संवाददाता। बढ़ौनियां गांव स्थित माता काली मंदिर परिसर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन कथा वाचिका ब्रज प्रिया किशोरी श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पौराणिक कथाओं में यह उल्लेख है कि उन्होंने 16 हजार ्त्रिरयों का नरकासुर से मुक्त कराकर न सिर्फ उद्दार किया बल्कि पत्नी रूप में स्वीकार किया। यह विवाह समाज को यह संदेश देने के लिए था कि संकट में पड़ी नारी को सम्मान देना ही धर्म है। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण की लीलाएं केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला बताती है। सुदामा एवं कृष्ण की मित्रता प्रसंग सुनाते हुए कहा कि सुदामा और श्री कृष्ण की मित्रता इस बात का प्रतीक है कि ईश्वर अपने भक्त की भावनाओं को सर्वोपरि मानते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन के हर क्षण, हर परिस्थिति और ...