नई दिल्ली, मार्च 21 -- हमारे बड़े-बुजुर्ग हमेशा से कहते आए हैं कि जल्दी सोना और जल्दी जगना जरूरी है। कई अध्ययन भी इस ओर जोर देते हैं। विभिन्न अध्ययनों के मुताबिक रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने वाले लोगों में अवसाद, चिंताा या मूड स्विंग्स्स सरीखी समस्याएं होने की आशंका कम होती है। अध्ययन बताते हैं कि जो लोग जल्दी उठते हैं उन्हें दिन की रोशनी अधिक मिलती है, जो एक प्राकृतिक मूड बूस्टर है। साथ ही सुबह की हवा में ऑक्सीजन की मात्रा भी अधिक होती है, जिसके चलते एकाग्रता में वृद्धि होती है। पर, क्या हम ऐसा कर पाते हैं? बदली दिनचर्या, तनाव, बच्चों की जिम्मेदारियां, खराब आदतें जैसे कई कारण हैं, जिनके चलते निंदिया रानी हमसे रूठ जाती हैं। नतीजा, अगले पूरे दिन सुस्ती, मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन, अवसाद। इतना ही नहीं, नींद की कमी के कारण पाचन तंत्र दुर...