बांका, अप्रैल 7 -- फुल्लीडुमर (बांका), निज प्रतिनिधि। रामकथा के सातवें दिन वृंदावन की प्रसिद्ध कथा वाचिका देवी गौर प्रिया ने प्रखंड के राता गांव के प्राचीन ठाकुरवाड़ी प्रांगण में राम वन गमन प्रसंग का बड़ा ही सजीव चित्रण किया। भगवान राम के चरित्र के अलावे लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता कौशल्या, सुमित्रा, कैकई, महाराजा दशरथ से लेकर मंथरा तक के चरित्र का कथा में बड़े ही मार्मिक ढंग से वर्णन किया गया। कहा पुत्रों में माता कैकई सबसे ज्यादा राम को प्यार करती थी। सब विधि का विधान ही कि अपने वचन के अनुसार राम को 14 वर्षों तक वन भेजने को माता कैकई विवस थी। देवी गौर प्रिया ने कहा कि भगवान राम तो परमात्मा थे। उनका चरित्र सामान्य था। लक्ष्मण का चरित्र उनसे भी ऊंचा, भरत का उनसे भी उच्चतर एवं शत्रुघ्न जी का जीवन बड़े भाई राम के सेवा के लिए ही समर्पित था। ...