वरिष्ठ संवाददाता, अप्रैल 13 -- मिशन 2027 की तैयारी में जुटीं भाजपा और सपा के राणा सांगा विवाद में उलझने से यूपी की सियासत में नफा-नुकसान नए समीकरण उभरे हैं। राजनीतिक विश्लेषक अब इसके असर का आकलन कर रहे हैं। क्षत्रिय स्वाभिमान का संग्राम दलितों की राजधानी में वोटों की सियासत में बदल गया है। वीर योद्धा राणा सांगा पर सपा सांसद रामजीलाल सुमन के बिगड़े बोल को भारतीय जनता पार्टी ने लपका और पिछले लोकसभा चुनाव में कुछ-कुछ नाराज नजर आए क्षत्रियों को साध लिया। जबकि समाजवादी पार्टी ने दलित स्वाभिमान से जोड़कर इसे अलग ही मोड़ दे दिया। सपा के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की काट के लिए भाजपा को अब कुछ अलग सोचना और करना होगा। सपा के सांसद रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में जिस दिन राणा सांगा पर बयान दिया, तभी से भाजपा के एक धड़े में जबरदस्त आक्रोश था। ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.