देहरादून, दिसम्बर 4 -- उत्तराखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग ने चमोली जिले में एक शिक्षक द्वारा बालिका के साथ कथित अश्लील हरकत किए जाने की गंभीर घटना पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने राज्य के सभी स्कूलों, आश्रमों, छात्रावासों एवं बाल देखभाल संस्थानों में कार्यरत सभी कर्मचारियों का अनिवार्य पुलिस सत्यापन कराया जाने, वर्तमान और भविष्य में नियुक्त होने वाले सभी कर्मचारियों की नियुक्ति मनोवैज्ञानिक परीक्षण के बाद ही सुनिश्चित करने का सुझाव दिया है, ताकि बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण स्थापित हो सके। आयोग अध्यक्ष डॉ.गीता खन्ना ने कहा कि चमोली की यह घटना बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है तथा ऐसी अमानवीय घटनाओं को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। आयोग ने इस सम्बंध में चमोली पुलिस को अब तक की पूरी कार्रवाई की विस्तृत ...