भागलपुर, अक्टूबर 16 -- बलराम मिश्र, भागलपुर। भारत के किसी भी राज्य में खाद्यान्न फसलों के अवशेष अत्यधिक मात्रा में होने के बाद समस्या बन जाती है। उसके निस्तारण को लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) बड़ी तैयारी कर रहा है, ताकि समस्या को अवसर में बदला जा सके। इसको लेकर राज्य के प्रमुख खाद्यान्न फसलों के लिए बीएयू अवशेष निगरानी डेटाबेस तैयार करेगा। बीएयू हर जिले से इसके लिए डेटा लेने का काम शुरू करेगा। इसके लिए रणनीति के तहत काम शुरू होगा। इसका उद्देश्य किसानों के लिए समस्या बनी अवशेष से छुटकारा दिलाना है। बीएयू के एक वैज्ञानिक ने बताया कि बिहार कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है। साल भर अलग-अलग फसलें अलग-अलग जिलों में उगाई जाती हैं। इससे बड़ी मात्रा में कृषि अपशिष्ट उत्पन्न होता है। पर्याप्त स्थायी प्रबंधन के अभाव में बिहार में किसानों द्वारा अ...
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