नई दिल्ली, सितम्बर 9 -- विधेयकों को मंजूरी देने संबंधी राज्यपाल की शक्तियों से संबंधित मामले पर आठवें दिन सुनवाई के दौरान मंगलवार को केरल और कर्नाटक की राज्य सरकारों ने अपनी दलीलें सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी हैं। इस दौरान राज्यों की ओर से कहा गया है कि राज्यपाल किसी भी राज्य के नाममात्र के ही प्रमुख होते हैं और उनके पास बिल को लेकर वीटो का अधिकार नहीं होता है। सुप्रीम कोर्ट में CJI बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस ए एस चंदुरकर की पीठ के सामने यह दलीलें दी गई हैं। सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति और राज्यपाल केंद्र और राज्यों में मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करने के लिए बाध्य हैं। कर्नाटक सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्...
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