कुशीनगर, सितम्बर 3 -- तुर्कपट्टी, हिन्दुस्तान संवाद। न्याय, दंड व प्रजा की सुरक्षा किसी भी राजा का प्रथम कर्तव्य है, जो राजा इस राजधर्म से विमुख होता है। वह कभी ईश्वर उपासना के फल की प्राप्ति नहीं कर पाता है। यह बातें राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त कथावाचक आचार्य इंद्रजीत पांडेय उर्फ पीली धातु वाले ने कहीं। वह सोमवार की रात क्षेत्र के बरवां सुकदेव में सात दिवसीय भागवत कथा कह रहे थे। कहा कि राजा को न्यायप्रिय और निष्पक्ष होना चाहिए। अपने मंत्रियों और अधिकारियों का चयन योग्यता और निष्ठा के आधार पर करना चाहिए, ताकि राजा को अपने शत्रुओं के साथ भी न्याय पूर्ण व्यवहार करने में आसानी हो सके। राजा परीक्षित के जन्म की कथा एवं भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य शक्ति का वर्णन करते हुए कहा कि परीक्षित अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र थे। जब अश्वत्थामा ने उत्तरा के गर्भ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.