बस्ती, अगस्त 1 -- छावनी, हिन्दुस्तान संवाद। अमोढ़ा रियासत के राजा जंगबहादुर सिंह की मौत नागपंचमी के दिन हुई थी। तभी से राजा के वंशजों ने नागपंचमी का त्योहार मनाना बंद कर दिया। यह परंपरा राजा के वंशजों और इस क्षेत्र के गांवों में आज भी चली आ रही है। सैकड़ों वर्ष से लोग नागपंचमी का त्योहार पंचमी के दिन नहीं मनाते हैं। राजा के वंशज वर्तमान समय में विक्रमजोत, दुबौलिया और हरैया के तकरीबन 135 गांवों में निवास कर रहे हैं। इन गांवों में नागपंचमी का पर्व सप्तमी को मनाया जाता है। अमोढ़ा कस्बे के बच्चे कोटही माता मंदिर के पास गुरुवार को सप्तमी के दिन परिवार संग गुड़िया पिटने के लिये एकत्र हुए। आसपास के लोगों का कहना है कि अमोढ़ा रियासत ने देश की आजादी के लिए ढेरों कुर्बानियां दीं। उनका राज्य समाप्त हो गया और राजपरिवार का कोई सदस्य जीवित नहीं बचा। ऐसे म...