जयपुर, अक्टूबर 17 -- अंता विधानसभा सीट का उपचुनाव न केवल भाजपा और कांग्रेस के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के राजनीतिक समीकरणों के लिए बेहद महत्वपूर्ण बन गया है। हाल के दिनों में इस सीट पर उम्मीदवार चयन को लेकर जो हलचल रही, उसने राजनीतिक गलियारों में ज्वार-भाटा ला दिया। टिकट की घोषणा से पहले नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच एक अनकही राजनीतिक कहनी उभर रही थी, जो सिर्फ चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि भावनाओं, समुदायिक समीकरणों और शक्ति संघर्ष का संगम थी। बीते कुछ दिनों में पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी और स्थानीय नेता नंदलाल सुमन की चर्चाएँ हर राजनीतिक गपशप में गर्माई थीं। सैनी, जो अंता सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं, अपने अनुभव और प्रशासनिक पृष्ठभूमि के लिए जाने जाते हैं। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुलाकात ने सियासी परिदृश्य को और दिलचस्...