टोंक, अगस्त 12 -- 25 साल पुराने मालपुरा सांप्रदायिक दंगे से जुड़े एक केस में मंगलवार को सांप्रदायिक दंगा मामलों की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में शामिल सभी 13 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि इस केस में जांच बेहद लापरवाही से की गई। मामले में तीन जांच अधिकारी बदले, लेकिन किसी ने भी मामले की ठीक तरह से जांच नहीं की। अदालत ने पुलिस की कार्यशैली और सबूत जुटाने के तरीके पर भी गंभीर सवाल उठाए। कोर्ट ने माना कि इस केस में जांच का स्तर बेहद कमजोर रहा। पुलिस न तो ठोस सबूत जुटा पाई, न ही आरोपियों की पहचान सही ढंग से करवाई गई। गवाहों के बयानों में भारी विरोधाभास पाए गए। आरोपियों के वकील वीके बाली और सोनल दाधीच ने अदालत में दलील दी कि गवाहों ने अपने बयानों में कहा कि आरोपियो...