जयपुर, जुलाई 31 -- जयपुर में हुए एक मामूली-से लगने वाले वाकये ने राज्य की भर्ती परीक्षाओं का इतिहास बदल दिया है। अब कोई भी सिख अभ्यर्थी अपनी धार्मिक आस्था से समझौता किए बिना प्रतियोगी परीक्षा में बैठ सकेगा। राजस्थान सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए परीक्षा केंद्रों में सिख छात्रों को कड़ा, पगड़ी और कृपाण पहनकर प्रवेश की अनुमति दे दी है। यह फैसला किसी फाइल पर चुपचाप दस्तखत से नहीं आया, बल्कि इसके पीछे है एक युवती का मौन विरोध, जो सिस्टम को सीधे आईना दिखा गया। तरनतारन, पंजाब की रहने वाली गुरप्रीत कौर राजस्थान न्यायिक सेवा (PCS-J) परीक्षा में हिस्सा लेने जयपुर आई थीं। उनका परीक्षा केंद्र पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में था। लेकिन वहां मौजूद सुरक्षा स्टाफ ने उनसे उनके कड़ा और कृपाण उतारने को कहा। गुरप्रीत के लिए यह सिर्फ धातु की वस्तुएं नहीं थीं, ...