जयपुर, सितम्बर 11 -- राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन ऐतिहासिक रहा। विपक्ष की गैरमौजूदगी में सत्तापक्ष ने दो अहम विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिए। इनमें पहला है राजस्थान भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक 2025 और दूसरा राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2025। इन विधेयकों के लागू होने के बाद भूजल दोहन और भूमि विवाद से जुड़े मामलों में अब कड़े नियम और सख्त दंड लागू होंगे। राज्य लंबे समय से जल संकट से जूझ रहा है। यही वजह है कि भूजल प्रबंधन विधेयक को बेहद अहम माना जा रहा है। नए प्रावधानों के तहत अब कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना अनुमति बोरिंग, ड्रिलिंग या जल निकासी नहीं कर सकेगी। इसका मतलब है कि बोरवेल या ट्यूबवेल बनाने के लिए सरकार से अनुज्ञा लेना अनिवार्य होगा। यदि कोई बिना अनुमति बोरवेल करता है तो पहली बार...