सीवान, नवम्बर 2 -- राजनीति में बाहुबल और धनबल का प्रभाव कम किए बिना शुचिता संभव नहीं सीवान, नगर प्रतिनिधि। राजनीति में शुचिता केवल भ्रष्टाचार से मुक्त होने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आचरण, वचन और विचार की स्वच्छता का प्रतीक है। एक सच्चे जनप्रतिनिधि के लिए शुचिता का अर्थ है- सत्ता को सेवा का माध्यम मानना, निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर जनता के हित में कार्य करना। पारदर्शिता, जवाबदेही और नैतिकता राजनीति की मूल कसौटी होनी चाहिए। राजनीतिक शुचिता तभी संभव है जब नेता अपने वचनों और कर्मों में समानता रखें। जनता से किए वादों को निभाना, विकास कार्यों में ईमानदारी बरतना और जनहित में नीतियां बनाना इसके मुख्य आधार हैं। चरित्र, सादगी और संवेदनशीलता किसी भी राजनेता की असली पहचान होती है। सत्ता पाने की दौड़ में जब मूल्य, मर्यादा और नैतिकता पीछे छूट जाती है, तभ...