छपरा, अक्टूबर 16 -- छपरा, एक संवाददाता । हिंदुस्तान अखबार के चाय चौपाल कार्यक्रम में शनिवार को शहर के बुद्धिजीवियों, युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने "परिवारवाद : राजनीति की विरासत या लोकतंत्र की कमजोरी" विषय पर खुलकर विचार रखा। चर्चा की शुरुआत इस सवाल से हुई कि क्या राजनीति अब जनसेवा से ज्यादा परिवार सेवा बनती जा रही है। वक्ताओं का मत था कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अवसर मिलना चाहिए, लेकिन राजनीतिक दलों में टिकट और पद वंश के आधार पर बांटे जाने से नई प्रतिभाएं पिछड़ जाती हैं। वहीं कुछ प्रतिभागियों ने तर्क दिया कि अगर किसी परिवार के सदस्य ने जनसेवा की परंपरा कायम रखी है, तो जनता को उन्हें चुनने का अधिकार है। कार्यक्रम में युवाओं ने कहा कि राजनीति में योग्यता, पारदर्शिता और मेहनत को तरजीह दी जानी चाहिए, न कि वंश को। अंत में यह निष्कर्ष नि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.