नई दिल्ली, अक्टूबर 14 -- अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन को बतौर मुख्यमंत्री जेल में डाला, चुनाव करवाए। 24 के आम चुनाव में कांग्रेस के बैंक खाते सीज किए गए और इसी हालत में चुनाव करवाए। उद्धव ठाकरे के दल को तोड़ा, उनके नेताओं को जेल भेजा, और चुनाव करवाए। सपा के तो बहुत बड़े लीडर को सालों से जेल में रखा, कितने चुनाव निकल गए। यह पूरा एक पैटर्न हो गया है, विपक्ष पर शिकंजा कसो और चुनाव में लाभ लो। विपक्षी नेताओं को कोर्ट-कचहरी दौड़ाओ और खुद मदमस्त होकर चुनाव लड़ो, फिर कहो कि जनता हमें चुनती है। बिहार में यही खेल शुरू हुआ है। अब चुनाव के बीच में अगर विपक्ष के नेता ऐसे फंसाए जाएंगे, तो सबको समझ आएगा कि खुला खेल फर्रुखाबादी है। अदालत की तारीखें चुनाव के बीच ही रखी गई थीं। तभी सत्तारूढ़ दल के प्रवक्ता और समर्थक बार-बार कह रहे थे कि जब बाहर रहेंगे, तब न ...