मधुबनी, नवम्बर 17 -- झंझारपुर। अररिया संग्राम स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के बालिका छात्रावास में बाल दिवस पखवाड़ा पर प्रेरक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में सभी छात्राओं ने अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए कुशल इंजीनियर बनने का संकल्प लिया। व्याख्याता दिव्या सानू ने बताया कि वर्ष 1964 में जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इससे पूर्व भारत में बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किया गया था। बाद में नेहरू के बाल प्रेम को देखते हुए उनके जन्मदिन को ही बाल दिवस के रूप में हम लोग मनाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेहरू जी बच्चों को देश का भविष्य मानते थे। यांत्रिकी विभाग की व्याख्याता शीतल रंजन शाह के देख-देख में बालिका छात्रावास की छा...