रागोत्सव: राम मंदिर में केरल की पारम्परिक नृत्य शैली की नाटिका की प्रस्तुति
फैजाबाद, फरवरी 2 -- राग-सेवा कला मंडलम जिश्नु प्रताप की ओर से रावणस्य कैलाश धारणम व पार्वती विरह केरल की इस प्राचीन कला को यूनेस्को ने वैश्विक पुरातन कला के स्वरूप में मान्यता दी है अयोध्या। संवाददाता रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र व संगीत नाटक अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में 45 दिवसीय रागोत्सव के अन्तर्गत राग-सेवा के क्रम में शुक्रवार को केरल की पारम्परिक नृत्य शैली की नाटिका की प्रस्तुति की गयी। यह नृत्य नाटिका की प्रस्तुति केरल की कुडियाटम्म रंग नृत्य संस्था कला मंडलम के संस्थापक कलाकार जिश्नु प्रताप की ओर से की गयी। उन्होंने इस नाट्य शैली में रावणस्य कैलाश धारणम प्रसंग के अलावा पार्वती विरह की प्रस्तुति दी। उनका स्वागत तीर्थ क्षेत्र की ओर से नामित समन्वयक व युवा साहित्यकार यतीन्द्र मिश्र ने किया। उन्हो...
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