आजमगढ़, सितम्बर 15 -- आजमगढ़,संवाददाता। महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय स्थित कुलपति सभागार में रविवार को हिंदी साहित्य के मूर्धन्य विद्वान रागेय राघव की पुण्यतिथि मनाई गई। कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने कहा कि आगरा मे जन्म लेने वाले रागेय राघव हिंदी साहित्य के अनमोल रत्न थे। कम समय में इतना विस्तृत साहित्य लिखने की कला बिरले ही लोगों में है। गद्य एवं पद्य के साथ-साथ इतिहास पक्ष पर भी उनकी मजबूत पकड़ थी। दक्षिण भारतीय परिवेश में पले बढ़े इस साहित्यकार ने हिंदी के प्रति गजब का झुकाव था। मुख्य वक्ता जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के संस्थापक कुलपति प्रो.योगेंद्र सिंह ने कहा कि डॉ.रांगेय राघव अपने अल्पजीवन में लोकमंगल को केंद्र में रखकर चिंतन, मनन और लेखन किया, जो भारतीय संस्कृति का मूलमंत्र है। उपन्यास, कहानी और नाटक के अलावा उन्होंने इतिहा...