रांची, मार्च 5 -- रांची, वरीय संवाददाता। डॉ कामिल बुल्के पथ स्थित संत मरिया महागिरजाघर में बुधवार को भस्म बुधवार की विशेष विधि हुई। आर्च बिशप विंसेंट आइंद ने मिस्सा बलिदान अर्पित की। सभी ख्रीस्तीय विश्वासियों के माथे पर शारीरिक जीवन की क्षणभंगुरता का स्मरण दिलाते हुए आशीष की गई राख का टीका लगाया। इसके साथ ही मसीही चालीसा काल में प्रवेश हुआ। आर्च बिशप ने मसीहियों को संदेश दिए। कहा कि चालीसा काल सिर्फ दिखावा करने का समय न रहे। जैसे बसंत के दौरान सभी पेड़ अपने पत्ते गिरा देते हैं, और उसके बाद उनमें नई पत्तियां आती हैं, वैसे ही चालीसा काल में हमें अपने आप को नया बनाने की आवश्यकता है। शारीरिक जीवन क्षणभंगुर है, इसलिए अनंत जीवन के लिए तैयारी करने का विशेष अवसर है। जानकारी दी गई कि चालीसा काल के दौरान कारीतास इंडिया विपदाओं के शिकार लोगों की मदद...