लखनऊ, मार्च 5 -- दहशत का पर्याय बना बाघ आखिरकार बुधवार शाम रहमान खेड़ा से सटे मीठेनगर गांव के जंगल में पकड़ लिया गया। कांबिंग कर रही वन विशेषज्ञों की टीम ने उसे शाम को ट्रैंकुलाइज किया। इससे पहले मंगलवार रात में बाघ ने 25वां शिकार कर वन विभाग को चुनौती दे दी थी। वन विभाग की टीम पिछले 12 घंटे से बाघ को लगातार ट्रैक कर रही थी। अभियान में लगे पीलीभीत के डॉ. दक्ष और कानपुर जू के डॉ. नासिर ने हाथी डायना और सुलोचना के साथ बाघ को ट्रैंकुलाइज किया। बेहोशी की हालत में राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के पिंजरे में रखा गया है। पहली बार एक दिसंबर 2024 को काकोरी में बाघ के पगचिह्न देखे गए थे। मंगलवार रात बाघ ने रहमान खेड़ा जंगल में एक शिकार किया था। जानकारी होने पर बुधवार सुबह 5 बजे से ही सर्च अभियान शुरू कर दिया गया। पीलीभीत टाइगर रिजर्व से आई ट्रैकिंग टीम...
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