नोएडा, मार्च 26 -- ग्रेटर नोएडा। उद्योगों से निकलने वाले दूषित और रसायनिक पानी को साफ कर दोबारा से इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। जीएलए विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. भामिनी पांडे ने जिंक कॉपर लेयर्ड डबल ऑक्साइड नामक विशेष सामग्री से गंदे पानी को शोधित करने का तरीका निकाला है। उनका शोध एससीआई जर्नल में भी प्रकाशित हुआ है। प्रोफेसर द्वारा तैयार सामग्री मात्र 30 मिनट में हानिकारक पानी से 90 प्रतिशत रंग हटाने में सक्षम है। एससीआई जर्नल्स में शोध प्रकाशित होने के बाद डॉ. भामिनी ने बताया कि यह शोध बहुत ही उपयोगी है। यह प्रदूषित पानी को साफ करने का एक तेज और प्रभावी माध्यम है।

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