रामपुर, मार्च 5 -- रामपुर। जामा मस्जिद इमाम मौलवी मोहम्मद फैजान खां ने बताया कि अल्लाह फरमाता है कि इस मुबारक महीने में कुरान-ए-पाक नाजिल किया। रमजान का महीना शुरू होते ही जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। शैतान को कैद कर लिया जाता है। हुजूर फरमाते हैं कि कयामत के दिन रोजा और कुरान अल्लाह से रोजेदार को बख्शने के लिए सिफारिश करेंगे। पहला अशरा रहमत का अशरा है। मगर अफसोस होता आज बेरोजेदारों को खाते-पीते देखा जाता है। आज भी ऐसे शरीर से तंदरुस्त मुसलमान रोजा नहीं रखते हैं, ये बेहद दुखद है। रोजा हर एक औरत और मर्द पर फर्ज है। हर एक रोजेदार शख्स जन्नत में जायेगा। मुकद्दस रमजान में ही कुरआन-ए-पाक को अल्लाह ने दुनिया में भेजा। रमजान का रोजा रखकर हम इबादत, नेक अमल से अल्लाह को राजी कर अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। अल्लाह ने रमजान को तीन भागों में...
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