श्रावस्ती, मार्च 6 -- लक्ष्मनपुर, संवाददाता। रमजान मुसलमानों के लिए इबादत का महीना है। इस मुकद्दस महीने में मुसलमान रोजा रखते हैं और इबादत करके अल्लाह के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करते हैं। रमजान के महीने 29 या 30 दिन के होते हैं। इस्लाम में रमजान के महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है जिसे अशरा कहा जाता है। अरबी में अशरा 10 नंबर होता है। रमजान के पहले दस दिन (1-10) को पहला अशरा, दूसरे 10 दिन (11-20) को दूसरा अशरा और तीसरे दस दिन (21-30) को तीसरा अशरा कहा जाता है। लक्ष्मनपुर बाजार निवासी मौलाना मेराज अहमद बताते हैं कि रमजान के शुरुआती 10 दिनों में यानी पहले अशरे में जो रोजे रखकर नमाज अदा करता है उस पर अल्लाह की रहमत बरसती है। वहीं रमजान के दूसरे अशरे में लोग अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगता है। रमजान के 11वें रोजे से 20वें रोजे तक द...