रुडकी, मार्च 21 -- रमजान के तीसरे जुमा की नमाज अकीदत और शांतिपूर्वक ढंग से अदा की गई। नगर की प्रमुख जामा मस्जिद सहित आसपास की मस्जिदों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में लोगों ने तीसरे जुमे की नमाज पढ़ी। जामा मस्जिद में जुमे की नमाज मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने अदा कराई। नमाज से पहले मौलाना अजहर उल हक ने अपने खुतबे में रमजान, जुमा, फितरे व जकात की तफसील बयान की। उन्होंने कहा कि रमजान का महीना इबादत और गुनाहों से माफी मांगने का महीना भी है। इस महीने का आखिरी अशरा जहन्नुम से निजात का है। इस अशरे में अल्लाह ताला अपने बंदों के गुनाहों से पाक कर देता है। इस आखरी अशरे में एक रात शबे कद्र की रात भी आती है,जो हजार रातों से अफजल है। जिसमें अल्लाह ताला की इबादत करने और नेकी करने का कई गुना सवाब दिया जाता है। इस महीने में एक रकात नमाज अदा करने क...
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